नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इन दिनों ‘रोजगार मेला’ लगा रही है। लोकसभा चुनाव के नतीजों से निराश बीजेपी सरकार का यह प्लान अब 10 विधानसभाओं में उपचुनाव से पहले तेजी से अलग-अलग जिलों में अमल में लाया जा रहा है। खासतौर पर रोजगार मेले उन जिलों में लगाए जा रहे हैं जहां उपचुनाव होने हैं। योगी सरकार ने 7 अगस्त को मैनपुरी में एक रोजगार मेला आयोजित किया था, जिसमें सीएम योगी खुद पहुंचे थे।
किन जिलों में आयोजित किए जा रहे मेले?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अंबेडकर नगर, अयोध्या, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, अलीगढ़, कानपुर, मुरादाबाद, मैनपुरी, प्रयागराज, गाजियाबाद और अयोध्या जिलों का दौरा किया है। लखनऊ में यूपी सरकार के एक आला अधिकारी के मुताबिक 65,000 से ज़्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए जा चुके हैं। अधिकारी ने कहा कि यह संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है। इनमें से कुछ नौकरियां विदेशों में भी हैं। लाखों टैबलेट और स्मार्टफोन भी बांटे गए हैं और करोड़ रुपये की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया है।
उपचुनाव वाली सीटों का दौरा
सीएम योगी का पूरा ध्यान 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों पर है। इनमें मैनपुरी की करहल सीट सबसे महत्वपूर्ण है, जो समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली किया गया था। अन्य नौ में से तीन सीटें 2022 में भाजपा ने जीतीं और चार समाजवादी पार्टी ने और एक-एक सीट एनडीए के सहयोगी निषाद पार्टी और आरएलडी ने जीती थी। हालांकि आरएलडी 2022 में सपा की सहयोगी थी।
बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा
लोकसभा चुनावों में भाजपा को नुकसान पहुंचाने वाले मुद्दों में से एक बेरोजगारी को माना जा रहा है। बुधवार को गाजियाबाद में इसी तरह के एक कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10,000 से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे थे और इस ही तरह के आगे भी प्लान बनाने जा रहे हैं।