Tuesday, June 10, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home राष्ट्रीय

सिंधु जल संधि रद्द होने से इन 4 राज्यों की मिट्टी उगलेगी ‘सोना’!

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
27/04/25
in राष्ट्रीय, समाचार
सिंधु जल संधि रद्द होने से इन 4 राज्यों की मिट्टी उगलेगी ‘सोना’!
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

नई दिल्ली।  पहलगाम आतंकी घटना में 26 लोगों की मौत के बाद भारत के एक्शन से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. मोदी सरकार ने 23 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इस फैसले की जानकारी भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार को लिखित तौर पर दे दी है.

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी, इसके तहत भारत के पास पूर्वी नदियों रावी, ब्यास, सतलज पर पूर्ण नियंत्रण और पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम, चिनाब पर सीमित उपयोग का अधिकार था. इन नदियों का 80% जल पाकिस्तान को जाता था. लेकिन पहलगाम हमले के बाद यह संधि खत्म कर दी गई है. अब इन नदियों के जल का पूर्ण नियंत्रण भारत के पास आ गया है. भारत सरकार के इस फैसले से कई राज्यों में जल संकट खत्म हो जाएगा और कुछ राज्यों की मिट्टी अब सोना उगलेगी.

सिंधु जल संधि के निलंबन से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों को सबसे अधिक लाभ होगा. जम्मू-कश्मीर में चिनाब और झेलम नदियों पर बनी जलविद्युत परियोजनाएं जैसे सलाल, बगलिहार और पाकल दुल अब बिना पाकिस्तानी आपत्तियों के तेजी से विकसित हो सकती हैं. यह न केवल बिजली उत्पादन बढ़ाएगा, बल्कि सिंचाई के लिए जल उपलब्धता भी सुधरेगी.

पाकिस्तान अब बूंद-बूंद के लिए तरसेगा.

पंजाब, जो रावी और सतलज नदियों पर निर्भर है, अब शाहपुर कांडी बैराज जैसे ढांचों के माध्यम से अपने हिस्से के पानी का पूर्ण उपयोग कर सकता है, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ेगी. हिमाचल प्रदेश में ब्यास और सतलज पर बने भाखड़ा और पोंग डैम की क्षमता का बेहतर उपयोग होगा. राजस्थान इंदिरा गांधी नहर के माध्यम से इन नदियों का पानी प्राप्त करता है, अब अतिरिक्त जल से रेगिस्तानी क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल आपूर्ति बढ़ा सकता है.

डैम निर्माण और जल उपयोग

संधि के निलंबन से भारत को पश्चिमी नदियों पर नए डैम और बैराज बनाने की स्वतंत्रता मिलेगी. जानकारों और विशेषज्ञों की मानें तो भारत पहले से ही रावी नदी पर शाहपुर कांडी बैराज के माध्यम से पानी रोककर जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में उपयोग कर रहा है. चिनाब और झेलम पर नए जलाशय और बांध बनाने से भारत न केवल सिंचाई और पेयजल के लिए जल संग्रह कर सकता है, बल्कि जलविद्युत उत्पादन भी बढ़ा सकता है.

अब किशनगंगा और रतले जैसी परियोजनाएं, जिन पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई थी, अब बिना किसी बाधा के पूरी हो सकती हैं. हालांकि, पानी को पूरी तरह रोकने के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी. भारत को नए जलाशय, नहरें और बांध बनाने में समय और निवेश करना होगा. बिना उचित प्रबंधन के जल रोकने से जम्मू-कश्मीर और पंजाब में जलभराव की समस्या हो सकती है. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विश्व बैंक की प्रतिक्रिया पर भी नजर रखनी होगी, क्योंकि यह संधि वैश्विक मंच पर एक मिसाल थी.

कुल मिलाकर सिंधु जल संधि का निलंबन भारत के लिए जल संसाधनों पर रणनीतिक नियंत्रण का अवसर है. यह जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में जल संकट को कम कर सकता है. साथ ही कृषि, बिजली और पेयजल आपूर्ति को बढ़ावा दे सकता है. भारत सरकार डैम और जलाशयों का निर्माण कर इन राज्यों को और खुशहाल बना सकती है, लेकिन इसके लिए दीर्घकालिक योजना और बहुत पैसे और निवेश की जरूरत होगी.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.