मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
ऋषिकेश। तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में इस बार युवा और शिक्षित किसान भी काफी संख्या में आये हैं. अब खेती ग्रामीण परिवेश का विषय नहीं रह गया है या शौक का विषय नहीं है बल्कि अब लोग खुद खेती से जुड़े अलग अलग उत्पादों से जुड़ रहे हैं. लोग खुद उगा रहे हैं, बेच रहे हैं और मार्किट में आ रहे हैं ताकि वे अपना हुनर और उत्पाद को बाजार में बेच सकें. ऐसे ही एक शिक्षित महिला किसान हैं देहरादून की बालावाला की रहने वाली ममता रावत.
ममता अपने 7 स्वनिर्मित उत्पादों के साथ महोत्सव में आयी हैं. मूल रूप से टिहरी जिले के रहने वाली ममता रावत पढ़ी लिखी हैं और खेती में रूचि रखती हैं. बालावाला में भी उन्होंने अपनी जमीन पर खेती की हुई हैं ताकि वे खुद उगा सकें और जैविक उत्पादों में अधिक जोर देती हैं. साथ ही वे एक महिला होने की वजह से समाज में एक अलग संदेश भी दे रही हैं. युवाओं के लिए पढ़ी लिखी आज के समय की महिलाओं के लिए वे एक प्रेरणा बन कर सामने आयी हैं. सामाजिक कार्यों के अलावा ममता खेती से सम्बंधित जानकारी किसानों, महिलाओं को खास तौर पर देती हैं. महोत्सव की तारीफ करते हुए ममता कहती हैं इस तरह के महोत्सव का आयोजन बहुत जरुरी है हर जनपद में राज्य के, यह सरकार की अच्छी पहल है इससे किसानों, महिलाओं जो खेती से जुड़े हुए हैं उनको आगे आने का मौक़ा मिलेगा. एक प्लेटफार्म मिलेगा अपने हुनर और अनुभव के आधार पर पैदावार को बाजार और लोगों के सामने रखने के लिए.
उनके सभी उत्पाद मसालों से जुड़े हुए हैं और खुद निर्मित हैं खुद उगाये हैं फिर बनाये हैं.
जैसे हल्दी (जैविक),
घर का बना मिर्च पाउडर,
धनिया पाउडर,
नमक मिक्स (कई तत्व मिक्स कर खास तरह से बनाया है)
लेमन ग्रास,
कड़ी पत्ता,
नीम/ कड़ी पत्ता इत्यादि.
इसके अलावा देशी मिर्च, चिली पाउडर भी वह बना कर लायी है. साथ ही वे इन उत्पादों को कैसे और कहाँ प्रयोग में लाना है इसकी जानकारी भी बखूबी दे रही हैं. घर के कामों के अलावा वे खेती केलिए समय निकालती हैं और खुद तो करती ही हैं साथ ही लोगों, किसानों को भी जानकारी देती रहती हैं. उत्तराखंड को इस तरफ के लोगों की सख्त जरुरत है जो न केवल अपना सहायक रखते हैं बल्कि अन्य लोगों को भी जानकारी दे कर अपने हुनर, अनुभव को सामने रखते हैं. आधुनिक संसाधनों के बाद अब मसाले हो या अन्य उत्पाद किसान नए रूप में सामने आ रहे हैं उन्हीं में से ममता रावत भी एक किसान हैं.
मसाला और सब्जी महोत्सव में विशेषज्ञों ने दी उत्पादन और पैकेजिंग की जानकारी-
उत्तराखंड के पहले तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में दूसरे दिन पांच तकनीकी सत्र संपन्न हुए। जिसमें देशी-विदेशी वक्ताओं व विभिन्न शोध संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने प्रतिभाग कर मसाला एवं सब्जी की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में अपने अनुभवों को साझा किया।दूसरे दिन का प्रथम सत्र आलोक गुप्ता अध्यक्ष, सुरभि फाउन्डेशन नई दिल्ली एवं रिर्पाेटियर डा0 सुरेश राम उपनिदेशक श्री हेमवती नन्दन सहायक विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हुआ।
इसमें निदेशक आईसीएआर-एनआरसीएसएस अजमेर डॉ एसएन सक्सैना, निदेशक आईसीएआर-सीआईपीएचटी लुधियाना डॉ नचिकेत आदि ने मूल्यवर्धन तकनीक, बाजार व्यवस्था पर जानकारी दी। द्वितीय सत्र उत्तराखंड उद्यान विभाग के निदेशक डॉ एचएस बवेजा की अध्यक्षता में हुआ। इसमें न्यूयार्क से आई सलाहकार अदिति चौहान, सचिन अवस्थाी आदि ने भाग की खेती और उसके औषधीय उपयोगों के बारे में जानकारी दी। तृतीय सत्र में विदेशी वक्ताओं(रूस, आस्ट्रिया, अमेरिका, सिंगापुर आदि) ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। इसमें उन्होंने मसालों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा की। चतुर्थ सत्र में वक्ताओं ने विभिन्न प्रकार के प्रयोगों के माध्यम से डिजिटल उपयोगिता के बारे में बताया। अंतिम सत्र पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर डॉ परमिन्द्र कौर की अध्यक्षता में हुआ। इसमें वक्ताओं, संबंधित विभागीय अधिकारियों और कृषकों ने कृषि विषय पर सामूहिक रूप विचार-विमर्श किया गया। किसानों को सब्जी एवं मसालों के उत्पादन में आ रही कठिनाईयों का समाधान करते हुए सत्र का समापन किया गया।
मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, ऋषिकेश मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती, क्रेजी फेडरेशन अध्यक्ष मनीष डिमरी, सभासद मनोज बिष्ट, सफाई निरीक्षक भूपेंद्र सिंह पंवार उत्तराखंड उद्यान विभाग के समस्त अधिकारी, प्रगतिशील कास्तकार, उद्यमी उपस्थित रहे।