नई दिल्ली l विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO के 21 कर्मचारियों ने कांगो में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण की घटनाओं को अंजाम दिया था. एक स्वतंत्र जांच में पता चला है कि अफ्रीकी देश में 2018 से 2020 के दौरान ये घटनाएं हुई थीं. इस दौरान WHO के कर्मचारी इबोला महामारी से लड़ने के लिए वहां मौजूद थे.
स्वतंत्र कमेटी की जांच में खौफनाक हकीकत सामने आने के बाद WHO प्रमुख टेड्रोस एडनम घेब्रेयेसस ने घटना पर दुख जताया है. टेड्रोस ने कहा कि यह उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है कि गुनाह करने वालों को सजा मिले. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, हॉस्पिटल में भर्ती महिलाओं के साथ भी यौन हिंसा की गई. करीब 83 ऐसे लोगों का पता चला जिन्होंने उस दौरान महिलाओं का यौन शोषण किया था और इनमें से 21 लोग WHO के कर्मचारी थे.
नौकरी का वादा करके रेप किया
पीड़ित महिलाओं ने कहा कि उनके ड्रिंक में नशीली चीजें मिला दी जाती थीं. वहीं कुछ महिलाओं को नौकरी का वादा करके यौन शोषण का शिकार बनाया गया. पीड़ित महिलाओं ने यह भी बताया कि यौन हमले के दौरान आरोपी कंट्रासेप्शन का इस्तेमाल नहीं करते थे और बाद में अबॉर्शन के लिए दबाव बनाते थे.
कुछ पीड़ित महिलाओं ने बताया कि एक डॉक्टर ने भी नौकरी का वादा करके उनके साथ रेप किया था. एक पीड़ित लड़की की उम्र महज 13 साल थी. बता दें कि इबोला महामारी के दौरान कांगो में करीब दो हजार लोगों की मौत हो गई थी.
जांच रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद WHO प्रमुख टेड्रोस एडनम घेब्रेयेसस ने कहा- ‘मुझे दुख है कि WHO की ओर से काम पर रखे गए जिन लोगों को सेवा और रक्षा करना था, उन्होंने ऐसा किया.’ इन घटनाओं को लेकर जांच तब शुरू की गई थी जब करीब 50 महिलाओं ने मदद करने वाले लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे.
खबर इनपुट एजेंसी से