काबुल l अफगानिस्तान में तालिबान शासन के गठन के बाद वहां पर महिलाओं की सरकार में भागीदारी को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. हालांकि स्थानीय मीडिया ने तालिबान प्रवक्ता के हवाले से दावा किया है कि किसी भी महिला को वहां पर मंत्री नहीं बनाया जाएगा. उन्हें सिर्फ बच्चे पैदा करना चाहिए.
स्थानीय मीडिया टोलो न्यूज ने तालिबान के प्रवक्ता के हवाले से ट्वीट कर कहा, ‘एक महिला मंत्री नहीं हो सकती, यह ऐसा है जैसे आप उसके गले में कुछ डालते हैं जिसे वह संभाल नहीं सकती. एक महिला के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है, उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए. महिला प्रदर्शनकारी पूरे अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं.’
हिस्सेदारी को महिलाएं कर रहीं प्रदर्शन
अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने के बाद से ही आम लोगों में काफी दहशत है. पिछले कुछ दिनों से काबुल समेत कई अन्य शहरों में तालिबान की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. खास बात यह है कि इन प्रदर्शनों की अगुवाई महिलाएं कर रही हैं. लेकिन तालिबान को ये प्रदर्शन रास नहीं आ रहा है.
यही वजह है कि वहां प्रदर्शन कर रही महिलाओं, आम लोगों और उन प्रदर्शनों को कवर कर रहे पत्रकारों पर तालिबान का गुस्सा बरस पड़ा है. तालिबान द्वारा अंतरिम सरकार के ऐलान करने के बाद काबुल में अलग-अलग जगहों पर महिलाओं द्वारा प्रदर्शन किया गया और सरकार में हिस्सेदारी की मांग की गई.
हालांकि, महिलाओं द्वारा किया गया प्रदर्शन बेहद छोटा था लेकिन तालिबान इससे भी हिल गया. तालिबान के लड़ाकों द्वारा महिलाओं को पीटा गया, वहां मौजूद पत्रकारों को भी मारा गया. अब सरकार गठन के तुरंत बाद तालिबान ने ऐलान कर दिया है कि बिना सरकार के परमिशन के किसी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी.
सोशल मीडिया में कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां तालिबान के लड़ाकों द्वारा महिलाओं को पीटा जा रहा है. लड़ाकों ने महिलाओं और पत्रकारों को डंडों और रायफल की बट से मारा. साथ ही कई पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें बुरी तरह से पीटा गया.
नार्वे के दूतावास में किताबें नष्ट कर रहा तालिबान
इससे पहले अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के गठन के बाद उसके लड़ाकों ने राजधानी काबुल में नार्वे के दूतावास पर कब्जा कर लिया और शराब की बोतलें तोड़ना और वहां रखी ढेरों किताबों को नष्ट करना शुरू कर दिया है.
ईरान में नॉर्वे के राजदूत सिगवाल्ड हाउगे ने ट्वीट कर कहा, ‘तालिबान ने अब काबुल में नॉर्वे के दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया है. वे कहते हैं कि वे इसे बाद में हमें लौटा देंगे. लेकिन पहले शराब की बोतलें तोड़नी हैं और बच्चों की किताबें नष्ट करनी हैं. बंदूकें जाहिर तौर पर कम खतरनाक हैं.’ हालांकि इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि वह दूतावासों सहित दूसरे देशों के राजनयिक प्रतिष्ठानों में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने ट्वीट कर कहा कि सेवाओं के प्रावधान और सरकारी एजेंसियों के संचालन के लिए एक कार्यवाहक सरकार की घोषणा आवश्यक थी. अफगानिस्तान में एक समृद्ध सामाजिक संरचना है, महिलाओं सहित देश के प्रत्येक नागरिक को सरकार में भाग लेने और लोगों की सेवा करने का अधिकार है. इस संबंध में घोषित कार्यवाहक मंत्रिमंडल की कमियों को दूर करना जरुरी है.
खबर इनपुट एजेंसी से