सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होती हैं. इस साल 26 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होंगी और फिर 5 अक्टूबर को दशहरा या विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा. मां दुर्गा की आराधना का यह 9 दिन का पर्व इस साल बेहद शुभ संयोग में शुरू हो रहा है. इस शुभ समय में घटस्थापना करने से लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि आएगी. बता दें कि शारदीय नवरात्रि और दुर्गा पूजा का पर्व गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब-हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है.
नवरात्रि पर बेहद शुभ संयोग
26 सितंबर 2022 से शुरू हो रही शारदीय नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना के लिए दिन भर का समय बहुत शुभ रहेगा. इस दौरान शुक्ल और ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है. जिसे पूजा-पाठ और शुभ योगों के लिए बहुत शुभ माना गया है. इसके बाद महाष्टमी का व्रत-पूजन 3 अक्टूबर सोमवार को होगा. दुर्गा पूजा के लिए अष्टमी-नवमी तिथि की संधि पूजा का मुहूर्त दिन में 3:36 बजे से 4:24 बजे तक होगा. वहीं महानवमी तिथि का मान 4 अक्टूबर मंगलवार को होगा. नवमी तिथि दिन के 01.32 बजे तक रहेगी. इसके बाद दशमी तिथि शुरू होगी. लिहाजा विजयादशमी या दशहरा पर्व 4 और 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होता है, रावण दहन होता है और इसके साथ-साथ अस्त्रों और वाहनों की पूजा की जाती है.
हाथी पर सवार होकर आ रहीं मां दुर्गा
इस साल अश्विन मास की नवरात्रि में मां दुर्गा गज यानी कि हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. मां दुर्गा की हाथी की सवारी को शुभ माना जाता है, साथ ही यह खासी बारिश होने की भी सूचक है. मां दुर्गा की हाथी की सवारी को खेती और फसलों के लिए शुभ माना जाता है. इससे धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं.