गुरु पूर्णिमा पर आज एक बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है. ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि गुरु पूर्णिमा पर करीब 12 साल बाद देव गुरु बृहस्पति का मीन राशि पर केंद्र योग बन रहा है. इसलिए इस बार गुरु पूर्णिमा का महत्व अधिक हो गया है. इस शुभ घड़ी में गुरु पूजन बड़ी ही उत्तम और फलदायी रहेगा. गुरु पूर्णिमा पर दान-धर्म के कार्यों का भी विशेष महत्व होता है.
गुरु पुर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन को सही दिशा मिलती है. गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा और उनका सम्मान करने की परंपरा है. इस दिन दान-पुण्य करना भी श्रेष्ठ माना गया है. इसके अलावा, देव गुरु बृहस्पति पूजन का भी विशेष महत्व होता है. गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है.
ज्योतिषियों का कहना है कि गुरु पूर्णिमा पर आज ग्रहों की एक और विशेष स्थिति भी बन रही है. पूर्णिमा तिथि पर पांच ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे. पूर्णिमा पर मंगल से शनि तक सभी ग्रह अपनी-अपनी राशि में रहेंगे. ग्रहों के सेनापति मंगल स्वराशि मेष में रहेंगे. बुध अपनी ही राशि मिथुन में रहेंगे. बृहस्पति अपनी राशि मीन में रहेंगे. इसी तरह शुक्र और शनि क्रमश: वृष और मकर राशि में रहेंगे.
पूर्णिमा पर चार शुभ योग
इस साल गुरु पूर्णिमा की शुरुआत राजयोग में हुई है. पूर्णिमा तिथि हंस महापुरुष योग से शुरू हुई है. साथ ही, आज इंद्र, श्रीवत्स और बुधादित्य योग भी बन रहा है. सूर्य और बुध जब एक ही राशि में आते हैं तो बुधादित्य योग का निर्माण होता है. यह समय भी बहुत लाभकारी है. इस दिन गुरु मंत्र का जाप करने से जीवन में सफलता प्राप्त होगी.