लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ अब रक्षा क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। यहां दिसंबर 2026 से ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन शुरू हो जाएगा। ब्रह्मोस की तरफ से बताया गया है कि हमने 21,000 करोड़ रुपये की ब्रह्मोस मिसाइलें निर्यात की हैं। जल्द ही इनका उत्पादन लखनऊ में किया जाएगा। लखनऊ में डीआरडीओ की प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। यहां रक्षा उपकरण भी बनाए जाएंगे। इसमें भारत के रूस के वैज्ञानिक भी काम करेंगे। मिसाइल को ले जाने के लिए निर्माण इकाई तक रेलवे ट्रैक बनाया जाएगा। रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह कई मंचों पर इस बात को दुहरा चुके हैं।
राजनाथ सिंह ने लखनऊ के सरोजनी नगर इलाके में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शिलान्यास किया है। डीआरडीओ प्रयोगशाला के लिए जगह चुनी गई है। हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन किए जाने का लक्ष्य है। ब्रह्मोस मिसाइल को पनडुब्बी, जहाज, विमान और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है। यह छोटा, हल्का और अधिक स्मार्ट आयाम वाला है। इसे व्यापक संख्या में आधुनिक सैन्य प्लेटफार्मों पर तैनाती के लिए डिजायन किया गया है। लखनऊ में यह परियोजना 500 इंजीनियरों और तकनीशयनों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी। साथ ही 5 हजार लोगों को अप्रत्यक्षा तरीके से रोजगार मिलेगा। रक्षा उद्योग से जुड़ी इकाइयों की स्थापना से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
400 किलोमीटर तक कर सकती मार
उत्तर प्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आपको बता दें कि भारत और रूस के सहयोग से बननी वाली ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर है। यह मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) की उच्च गति के साथ विश्व की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। इसका नाम भारत की ब्रह्मापुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। यह एक मल्टीप्लेटफॉर्म मिसाइल है जिसे जमीन, वायु और समुद्र में बहुक्षमता वाली मिसाइल से सटीकता से लॉन्च किया जा सकता है। खराब मौसम के बावजदू यह दिन और रात में काम कर सकती है। अप्रैल 2022 में भारतीय नौसेना और अंडमान निकोबार कमांड द्वारा संयुक्त रूप से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक एंटी शिप संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।