- पडखुड़ी आश्रम में मां गायत्री, सरस्वती, लक्ष्मी की प्राण प्रतिष्ठा
- शांतिकुंज हरिद्वार के संतों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया पूजन
- विंध्य का सबसे बड़ा गायत्री आश्रम, स्वरोजगार के खोलेगा नए द्वार
- अत्याधुनिक खेती के साथ ग्राम प्रबंधन में किया जाएगा प्रशिक्षित
शनिवार को गायत्री आश्रम पडखुड़ी रामपुर नैकिन में मां गायत्री की विशाल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पांड्या ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। डॉक्टर चिन्मय पांड्या ने कहा कि अब समय श्रद्धा को संकल्प में बदलने का है। परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी ने संकल्प लिया और गायत्री साधना को सबके लिए सर्वसुलभ किया। हमें गुरुदेव के बताए आदर्शों पर चलकर आदर्श समाज की नींव रखनी होगी।
डॉक्टर चिन्मय पांड्या ने कहा कि इस दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति और पूंजी श्रद्धा है आज आंतरिक श्रद्धा की अभिव्यक्ति का दिवस है। अपनी श्रद्धा को गुरु चरणों में लगाकर उनकी इच्छा की पूर्ति में जीवन लगाना ही सच्ची गुरु भक्त है, गायत्री परिवार 2026 में परम वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा जी व अखंड दीप शताब्दी समारोह मनाने जा रहा है।
डॉ चिन्मय पांड्या ने बताया कि गायत्री आश्रम पडखुड़ी का परिसर आध्यात्मिक है। मंदिर को निर्माण इस शैली में किया गया है कि यहां लोगों में हिमालय जैसी अनुभूति हो। परिसर में गायत्री की विशेष साधनाएं होंगी।
इससे पहले शांतिकुंज हरिद्वार से आए युग मनीषियों द्वारा आश्रम में मां गायत्री, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी जी की मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापना की गई। इसके पश्चात चौबीस कुंडीय गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई। चार दिवसीय कार्यक्रम में सीधी, रीवा सतना टीकमगढ़ दमोह पन्ना ग्वालियर देवास जयपुर के परिजनों के साथ क्षेत्र के कर्तव्यनिष्ठ परम पूज्य गुरुदेव के संदेश को आत्मसात कर त्याग मय जीवन जीने वाले नींव के पत्थर वरिष्ठ परिजन भी उपस्थित थे।