जयपुर l मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार से एक बार फिर डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और कम करने की मांग उठाई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए आग्रह किया गया है कि अगर एक्साइज ड्यूटी और कम कर दी जाएगी, तो वेट स्वतः कम हो जाएगा और प्रदेश की जनता को बड़ा लाभ मिलेगा।
गहलोत ने पत्र में 1800 करोड़ रुपए के वित्तीय घाटे की बात दोहराई
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री ने लिखा कि “केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल पर 5 रूपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 10 रूपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्य में वैट की दर कम हुई है। उन्होंने लिखा है कि इससे पेट्रोल पर 1.8 रूपये प्रति लीटर व डीज़ल पर 2.6 रूपये प्रति लीटर की कमी स्वतः हो गई है। इससे राज्य के वैट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ रूपये प्रति वर्ष की हानि होगी।”
रोज रोज कीमतें बढ़ाये जाने पर लगाम लगाने का अनुरोध
अशोक गहलोत ने पत्र में लिखा कि “मैं केन्द्र सरकार से यह भी आग्रह करूंगा कि वह पेट्रोलियम कंपनियों को पाबंद करें कि वे रोज-रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि न करे। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रचलन से पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा आम जन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा।”
VAT कम करने की मांग करते हुए आंदोलन का ऐलान कर चुकी भाजपा
राजस्थान सरकार से डीजल और पेट्रोल पर वैट की दर घटाने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश व्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बताया कि सभी जिला और तहसील स्तर पर राज्य सरकार का विरोध किया जाएगा। केंद्र सरकार के आग्रह पर जब देश के 22 राज्यों ने वेट की दर कम कर दी है तो राजस्थान सरकार हठधर्मिता क्यों अपना रही है। सरकार को चाहिए कि तुरंत वेट की दर घटाकर जनता को राहत प्रदान करें।
खबर इनपुट एजेंसी से