बीजिंग l कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर सवाल उठते रहे हैं. इसके लिए चीन की वुहान लैब कई बार निशाने पर आई, लेकिन चीन लगातार इनकार करता रहा. लेकिन एक अंग्रेजी अखबार ने एक ऐसा खुलासा किया, जिससे हर कोई हैरान है. दावा किया जा रहा है कि चीनी सेना के कई खुफिया प्रोजेक्ट में वुहान लैब ने मदद की. साथ ही, उनके लिए कई जानवरों के खतरनाक वायरस भी खोजे. बताया जा रहा है कि पिछले नौ साल से लैब वैज्ञानिक नए वायरस की खोज और बीमारी फैलाने में शामिल जीव विज्ञान के ‘डार्क मैटर’ पर रिसर्च कर रहे थे. इसमें चीनी सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं. गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में एक चीनी वैज्ञानिक ने जनरल प्रकाशित की थी, जिसमें बताया गया था कि तीन साल में यहां पर 143 नई बीमारियों की खोज की गई है.
चीन के वुहान लैब में वैज्ञानिकों ने जानवरों के वायरस खोजने के लिए चीनी सेना की मदद की थी. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसमें पांच टीम लीडरों में शि झेंगली उर्फ ‘बैट वुमन’ और एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी काओ वुचुन भी सैंपल खोजने के लिए गुफाओं में गए थे. अमेरिका के वेंडन इस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का आरोप है कि इस तरह के वायरस फैलाने में चीन के नागरिक और सेना दोनों शामिल हैं. चीन पर पहले से ही आरोप है कि वुहान लैब से कोरोना वायरस फैला है. लेकिन चीन इसको मानने को तैयार नहीं है. यहां तक कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी साफ कर दिया कि वुहान लैब से कोरोना नहीं फैला है, बल्कि यह किसी जानवर से इंसान तक पहुंचा है.
गौरतलब है कि पिछले महीने अमेरिका, ब्रिटेन समेत 12 अन्य देशों ने चीन से इस महामारी के नमूने को शेयर करने की अपील की थी, लेकिन बीजिंग ने उसे खारिज कर दिया. जिसके बाद चीन की काफी आलोचना हुई थी. बता दें कि अमेरिकी विदेश विभाग ने वुहान लैब में नए वायरस के बारे में बहुत पहले ही सूचना दे दी थी. विदेश विभाग ने कोरोना से हफ्तों पहले बताया था कि चीन समेत दुनिया में एक नया वायरस कहर बरपाएगा.