योगीराज प्रदीप कुमार तिवारी हरिद्वार से योग एवं नैदानिक चिकित्सा में परास्नातक है। ये देश के कई हिस्सों में योग के द्वारा कई जटिल बीमारियों का इलाज करते हैं। इसके साथ ही अपने लेखों के माध्यम से लोगों को योग के प्रति जागरूक करते रहते हैं
शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्त रहने और बचाव के लिए योग सबसे आसान और किफायती तरकीब है। बिजी लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं के लिए अपने लिए समय निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है। जिस वजह से वो अपनी सेहत की ओर ध्यान नही दे पाती हैं। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए महिलाओं को रोज़ाना योग करना चाहिए। योग करने से उनको कई रोगों से छुटकारा मिलेगा। महिलायो का शरीर बेहद ही नाजुक और नर्म होता है। एक नॉर्मल view और fact है कि प्रकृति ने महिलाओं को अपनों की देखभाल करने के लिए ही बनाया है इसलिए महिलाओं का दिल बहुत ही sensitive और soft हैं। वहीं दूसरी ओर वह पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को बेहतर बनाने के लिए भीतर से मजबूत होती हैं। इसलिए हर महिला को केवल बाहरी रूप से ही नहीं अंदर से भी (शारीरिक रूप) मजबूत होना चाहिए।
तो चलिए आज हम आपको महिलाओं के लिए ऐसे योग के बारे में बताते हैं जिनसे उनको कई फायदे मिलेंगे।
बालासन
बालासन को करने के लिए सबसे पहले घुटने के बल जमीन पर बैठ जाएं और शरीर का सारा भार एड़ियों पर डाल दें। अब गहरी सांस भरते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रहे कि आपका सीना जांघों से छूना चाहिए। फिर अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें। कुछ सेकंड तक इस स्थिति में रहने के बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं। बालासन के नियमित सही तरह से अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, बाजुओं व शरीर से अतिरिक्त चर्बी दूर होती है और होती है और शरीर स्वस्थ बनता है। बालासन के अभ्यास से कब्ज में भी राहत मिलती है और पीठ के दर्द में आराम मिलता है।
उत्कटासन
उत्कटासन कोर की मांसपेशियों (जांघों और नितंबों) को मजबूत बनाने और टोन में मदद करता है। सीधे हाथ जोड़कर (नमस्ते में मुद्रा) खड़े हो जाओ। पैरों के पंजे भूमि पर टिके हुए हों तथा एड़ियों के ऊपर नितम्ब टिकाकर बैठ जाइए। दोनों हाथ घुटनों के ऊपर तथा घुटनों को फैलाकर एड़ियों के समानान्तर स्थिर करें। अपने सिर को हल्का आगे मोड़ें। इस मुद्रा में तब तक रहें जब तक आप सहज हो। आसन से बाहर आने के लिए आराम से सीधा खड़ा हो जाएं।
धनुरासन
एक अन्य योग वसा को जलाने के लिए बहुत ही प्रभावी होता है। इसे करने के लिए फर्श पर उल्टा लेट जाओ। फिर अपने दोनों पैरों को मोड़कर हाथ से पकड़ें और उन्हें नितम्बों तक लाने की कोशिश करें। नीचे व ऊपर से खुद को स्ट्रेच करें। अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर 5 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रुकें।
वृक्षासन
वृक्षासन आपके पेट से वसा को दूर करने के लिए सबसे आसान और आदर्श आसनों में से एक है। साथ ही इस आसन से टांगों की वसा कम होती हैं और शरीर का संतुलन बेहतर है। इसे करने के लिए योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैर जोड़ लें। अब अपना दायां पैर, अपनी बाईं जांघ पर रखें। आपके दाएं पैर का अंगूठा नीचे जमीन की तरफ हो और बाएं पैर की उंगलियां सामने की तरफ। ध्यान रखें कि आपकी पीछे से गर्दन, रीढ़ की हड्डी की रेखा में सीधी होनी चाहिए।
सर्वांगासन
पीठ के बल लेट जाएं। अब एक साथ पैरों, कूल्हों और कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान सारा भार कंधे और गर्दन पर आ जाएगा। अब हाथों की मदद से कमर को ऊपर उठाकर रखें। इस दौरान कोहनी जमीन से सटी होंगी। कोशिश करें कि पूरा शरीर सीधा हो। पैर सीधे रखें। छाती को ठोड़ी से लगाकर रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रुककर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं।
ऊष्ट्रासन
इसे कैमल पोज भी कहते हैं जिसमें शरीर की मुद्रा ऊंट जैसी बन जाती है। इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठकर दोनों हाथ कूल्हों पर रखें। घुटने कंधों के समानांतर हों और पैरों के तलवे आसमान की तरफ। अब हथेलियों से तलवों को छुएं। इस दौरान सिर पीछे की ओर व आसमान की तरफ होगा। इस दौरान सामान्य सांस लें। कुछ देर इसी अवस्था में बरकरार रहें। धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में आएं।
भुजंगासन
भुजंगासन पेट की आसपास की वसा को जलाने के साथ-साथ पेट को मजबूत बनाने वाली मुद्रा है। इसे अंग्रेजी में कोबरा पोज कहते हैं। यह दिखने में फन फैलाए एक सांप की तरह होता है, इसलिए इसे भुजंगासन कहते है। इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। अब शरीर के बाकी हिस्सों को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ देर के लिए इस मुद्रा में ही रहें।
नोट -योगाभ्यास किसी प्रशिक्षित योगा टीचर के निर्देश में ही करे।