योगीराज प्रदीप कुमार तिवारी हरिद्वार से योग एवं नैदानिक चिकित्सा में परास्नातक है। ये देश के कई हिस्सों में योग के द्वारा कई जटिल बीमारियों का इलाज करते हैं। इसके साथ ही अपने लेखों के माध्यम से लोगों को योग के प्रति जागरूक करते रहते हैं
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति को किसी न किसी शारीरिक समस्या का सामना करना पड़ रहा जैसे गर्दन दर्द या सर्वाइकल बहुत ही ज्यादा बढ़ता जा रहा है लोगों का दिन भर का लाइफस्टाइल बहुत ही खराब है दिनभर लोग गर्दन झुकाए हुए मोबाइल चलाते हैं और कंप्यूटर पर दिन भर काम करना पड़ता है जिससे गर्दन पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है जिससे रीड की हड्डी वह गर्दन हमेशा टेढ़ी और झुकी हुई रहती है यह गलत तरीके से तकिया लगाकर दीवाल का सपोर्ट लेकर मोबाइल देखना टीवी देखना आदि गलत गलत क्रियाएं करते हैं जिसके कारण गर्दन के नीचे दबाब बड़ जाता है जिससे वहां का ब्लड सरकुलेशन रुक जाता है और हमें दर्द महसूस होने लगता है कभी-कभी तो बहुत ही ज्यादा दर्द बढ़ जाता है जिससे हमें एलोपैथी दवाइयों का सेवन करना पड़ता है जो हमें इस दर्द से कुछ समय के लिए छुटकारा दिलाती है जबकि हमारी लाइफस्टाइल वही रहती हैं जिससे हमारा दर्द ऐसे ही बना रहता है जिसके कारण हम दवाइयों पर पूरी तरह से आश्रित हो जाते है नहीं तो डॉक्टरों से मिलते हैं वह भी हमें फिर से दवाइयां दे देते हैं जिससे हमें उन दवाइयों की आदत हो जाती है और हमारा दर्द था वैसा ही बना रहता है इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए हमारे पास विभिन्न प्रकार के योगाभ्यास है जिनको करके हम इस तरह के दर्द से हमेशा के लिए निजात पा सकते हैं आइए जानते हैं इन योगाभ्यास को-
सर्वाइकल के लिए विशेष प्रकार के योगाभ्यास –
ताड़ासन
ताड़ासन करने के लिए सर्वप्रथम हम एक योगा मैट लेते हैं फिर उसके ऊपर खड़े हो जाते हैं अब दोनों पैरों के बीच में सोल्डर के बराबर गैप लेते हैं सीधा खड़े होते हैं अब दोनों हाथों को श्वास भरते हुए ऊपर की ओर उठाते हैं थोड़ी देर तक रुकते हैं फिर धीरे से नीचे कर लेते हैं इस अभ्यास को हम 5 से 6 बार करते हैं जिससे हमारे हाथों पर पूरी तरह से खिंचाव पड़ता है हमारी गर्दन पर तनाव पड़ता है हमारी गर्दन सीधी होती जाती है हमारा ब्लड सरकुलेशन रीड की हड्डी की तरफ होता है । इस आसन को करने से हमारे सर्वाइकल या गर्दन दर्द में बहुत ही ज्यादा आराम मिलता है ।
भुजंगासन
भुजंगासन सर्वप्रथम आप पेट के बल लेट जाइए फिर दोनों हाथों को कंधे के के पास रख लीजिए अब स्वास भरिए और सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे गर्दन और रीड की हड्डी को सीधा करते जाए धीरे-धीरे गर्दन को ऊपर उठाते हुए आसमान की ओर देखने का प्रयास कीजिए जिसका प्रभाव हमारी गर्दन, सोल्डर ,छाती पर पड़ेगा और हमारी गर्दन खुलती जाएगी । जिससे हमारी सर्वाइकल में बहुत ही ज्यादा आराम मिलता है।
मकरासन
मकरासन करने के लिए सबसे पहले आप पेट के बल लेट जाइए फिर दोनों हाथों को निकालकर चिन्ह के नीचे लॉक कर लीजिए जिसका दबाव आपकी गर्दन पर पूरी तरह से पड़ेगा जिससे हमारी गर्दन लचीली होती है और हमें सर्वाइकल दर्द में गर्दन दर्द में बहुत ही ज्यादा आराम मिलता है अगर किसी व्यक्ति को हानियां हैं या फिर कोई महिला प्रेग्नेंट है तो उनको इस आसन को बिल्कुल नहीं करना चाहिये ।
गोमुखासन
गोमुखासन के लिए सर्वप्रथम आप योगा मैट पर बैठ जाइए दोनों पैरों को दंडासन में रख लीजिए एक पैर को दूसरी पैर के नीचे से थाई के बगल में लॉक कर लीजिए पैरों को एक दूसरे पर इस तरह से रखिए जिससे इसमें गाय की मुख के समान आकृति बने अब आपका जो भी पैर ऊपर हो उस हाथ को ऊपर से ले जाइए और दूसरे हाथ को सेकंड साइड बगल से निकलते हुए नीचे से हाथ को लॉक कर लीजिए इस आसन का प्रभाव हमारे हाथों पर गर्दन पर पूरी तरह से ब्लड सरकुलेशन के लिए होता है जिससे हमें गर्दन दर्द में बहुत ही ज्यादा लाभ प्राप्त होता है।
मत्स्यासन
मत्स्यासन करने के लिए आप पीठ के बल लेट जाइए दोनों हाथों को कंधों के बगल में रखिए और अपने हाथों का सहारा लेते हुए गर्दन को पीछे की ओर जमीन का सहारा लेते हुए सिरको पीछे की ओर ले जाइए और धीरे-धीरे हाथों का दबाव कम करते जाइए इसका पूरा प्रभाव सिरके ऊपर के भाव में पड़ेगा जिसका खिंचाव हमारी गर्दन पर पड़ेगा इस आसन से भी हमारी गर्दन फ्लैक्सिबल होती है जिसके चलते हमें सर्वाइकल में बहुत ही ज्यादा आराम मिलता है सर मैं किसी प्रकार का ऑपरेशन या आखों के किसी प्रकार का ऑपरेशन वाले व्यक्ति इस आसन को ना करें l
मार्जरी आसन
मार्जरी आसन करने के लिए सर्वप्रथम हम बिल्ली के समान दोनों हाथों और दोनों घुटनों के सहारा लेते हुए खड़े हो जाते हैं और अपनी रीड की हड्डी को ऊपर की ओर खींचते हैं और गर्दन को ऊपर की ओर ले जाते हैं फिर रीड की हड्डी को पेट की ओर ले जाते हैं और गर्दन को भी नीचे झुकाते हैं इस आसन को करने से हमारी रीड की हड्डी बहुत ही लचीली होती है और गर्दन भी फ्लैक्सिबल होती है इस आसन से गर्दन में दर्द में बहुत ही आराम मिलता है
धनुरासन
धनुरासन करने के लिए सर्वप्रथम आप पेट के बल लेट जाइए फिर दोनों पैरों को घुटने से फोल्ड कर लीजिए दोनों हाथों से पैरों को लॉक कर लीजिए अब धीरे-धीरे पैर और हाथों को खींचते हुए ऊपर की और जाइए जिससे आप की रीड की हड्डी और गर्दन पर और कंधे पर खिंचाव पड़ेगा जिससे वे मजबूत होंगे और वहां से दर्द धीरे-धीरे गायब हो जा पेट का किसी भी प्रकार का ऑपरेशन होने पर और खाने के बाद इस आसन को ना करे।
नोट – योगाभ्यास प्रशिक्षित योगा टीचर के निर्देश में ही करें अकेले बिल्कुल भी करने का प्रयास न किया जाए l