लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कमजोर मानसून और अल्पवर्षा की वजह से खरीफ की फसलों की बुआई पर बड़ा असर पड़ा है. इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़ा फैसला लिया है. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 75 जनपदों में 75 टीमें बनाने का निर्देश दिया है, जो 14 सितंबर यानी एक हफ्ते में सूखे की पूरी स्थिति का सर्वेक्षण कर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेंगी. इस मामले में लापरवाही बरतने और देरी होने पर जिलाधिकारी जवाबदेह होंगे. सीएम योगी के निर्देशानुसार सभी 75 जिलों में मुख्य राजस्व अधिकारी और अतिरिक्त जिलाधिकारी, राजस्व की अध्यक्षता में एक-एक समिति बनाई जाएगी. इस समिति में कृषि विभाग, उद्यान विभाग और गन्ना विभाग के एक-एक अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे.
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के 62 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है. अन्नदाता किसानों को कोई समस्या न हो इसको देखते हुए योगी सरकार ने प्रभावित जिलों में भूराजस्व की वसूली और ट्यूबवेल के बिजली बिल की वसूली को स्थगित कर दिया है. साथ ही ट्यूबवेल कनेक्शन भी नहीं काटने का आदेश दिया है. यही नहीं प्रदेश सरकार किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज भी उपलब्ध कराएगी. किसानों को खेतों की सिंचाई में कोई समस्या न हो इसके लिए सरकार की तरफ से सिंचाई विभाग को नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित का आदेश दिया गया है. वहीं ऊर्जा विभाग को ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बढ़ाए जाने को कहा गया है, जिससे प्रभावित किसानों को राहत मिल सके.
लोकभवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कृषि कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की बारहवीं किश्त शीघ्र ही अवमुक्त होनी है. प्रदेश के कुल 96459 राजस्व ग्रामों में सत्यापन का कार्य किया जाना है जिसमें से 80005 गांवों में सत्यापन कार्य पूर्ण कर लिया गया है. शेष गांवों में सत्यापन कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा. अब तक 1.71 करोड़ किसानों का सत्यापन किया जा चुका है.