लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट नीति है “गैरकानूनी निर्माण बर्दाश्त नहीं होंगे, चाहे वह किसी भी नाम पर हों.” इसी नीति के तहत रविवार को उत्तर प्रदेश के नेपाल बॉर्डर से सटे जिले श्रावस्ती में प्रशासन ने अवैध मदरसों पर बड़ी कार्रवाई की. पहले सिर्फ सीलिंग होती थी, लेकिन अब प्रशासन ने सीधा बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
श्रावस्ती जिले के जमुनहा और भिनगा तहसीलों में कुल 4 अवैध मदरसे आज ध्वस्त किए गए. इनमें कुछ मदरसे शासकीय (सरकारी) भूमि पर अवैध रूप से बने थे, जबकि कई के पास कोई वैध दस्तावेज या अनुमति पत्र नहीं था. कार्रवाई में जिला प्रशासन, पुलिस और संबंधित विभागों की संयुक्त टीम मौजूद रही.
कहां-कहां चला बुलडोजर:
तहसील जमुनहा के अंतर्गत –
- ग्राम कुंडा: शासकीय भूमि पर अवैध रूप से बना मदरसा इस्लामिया अरबिया तलिमुल कुरआन
- ग्राम इमलिया करनपुर: दारुल उलूम गरीब नवाब खा ए मुस्तफा
- ग्राम खलीफतपुर: रिजविया गौसिया उलूम
तहसील भिनगा के अंतर्गत
- ग्राम बन्ठिहवा: दारुल उलूम अहले सुन्ना गौस-ए-आजम
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इन मदरसों ने न तो किसी वैध स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की थी और न ही इनका रजिस्ट्रेशन मदरसा बोर्ड में हुआ था. इसके अलावा, कुछ स्थानों पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण किया गया था, जिसकी पुष्टि राजस्व विभाग की जांच में हुई थी. उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के निर्देश पर अवैध मदरसों की व्यापक जांच अभियान पहले ही शुरू किया जा चुका है. 2022 में शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत प्रदेश के सभी मदरसों का सर्वेक्षण और सत्यापन किया गया. सर्वे के बाद जिन मदरसों की स्थितियां संदिग्ध पाई गईं, वहां अब कड़ी कार्रवाई हो रही है.
श्रावस्ती प्रशासन ने बताया कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है. जिले में कई और अवैध मदरसे चिह्नित किए गए हैं और वहां भी जल्द ही बुलडोजर चलेगा.
बॉर्डर सिक्योरिटी भी एक कारण
श्रावस्ती की सीमा नेपाल से सटी होने के कारण यह इलाका संवेदनशील माना जाता है. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर ऐसे मदरसों पर खास निगरानी रखी जा रही है जिनकी फंडिंग, गतिविधियों या निर्माण को लेकर सवाल उठते हैं. प्रशासन का कहना है कि कानून का राज स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है. अब किसी को भी धर्म या जाति के नाम पर अवैध कब्जा या निर्माण की छूट नहीं दी जाएगी.