नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश अब वज्रपात (आकाशीय बिजली गिरने) से जनहानि के मामलों में देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे सुरक्षित राज्य बनकर सामने आया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की सक्रिय आपदा प्रबंधन रणनीति, तकनीक के बेहतर इस्तेमाल और गांव-गांव तक पहुंचाए गए जागरूकता अभियानों की वजह से यह संभव हो पाया है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में वज्रपात से मृत्यु दर प्रति लाख की आबादी पर महज 0.14 है. यह आंकड़ा ओडिशा (0.35), बिहार (0.31), मध्य प्रदेश (0.31), कर्नाटक (0.15) और झारखंड (1.01) जैसे राज्यों से काफी कम है. इसका सीधा मतलब है कि यूपी में वज्रपात से मौतें इन राज्यों की तुलना में बेहद कम हो रही हैं.
झारखंड से 7 गुना सुरक्षित है उत्तर प्रदेश
तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो झारखंड में वज्रपात से मृत्यु दर जहां 1.01 है, वहीं यूपी में यह आंकड़ा सात गुना कम है. इसी तरह ओडिशा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी उत्तर प्रदेश काफी बेहतर स्थिति में है. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने समय रहते आधुनिक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली को अपनाया, जिससे गांवों को पहले ही चेतावनी भेजी जा सकी.
जागरूकता और तकनीक से बदली तस्वीर
योगी सरकार ने वज्रपात से सुरक्षा को लेकर व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाया. खासतौर से ग्रामीण इलाकों में लोगों को पेड़ों के नीचे खड़े न होने, खुले मैदान में शरण न लेने जैसे उपायों की जानकारी दी गई. आपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूलों, पंचायतों और ग्राम सभाओं के माध्यम से सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण भी दिया. साथ ही कई जिलों में ‘लाइटनिंग अर्ली वार्निंग सिस्टम’ भी स्थापित किए गए, जो वज्रपात से पहले अलर्ट भेजते हैं.
उत्तर प्रदेश मॉडल बना अन्य राज्यों के लिए उदाहरण
प्रदेश में आकाशीय बिजली से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने तकनीक, प्रशासन और स्थानीय समाज को जोड़ने वाला त्रिकोणीय मॉडल विकसित किया है. इसका परिणाम है कि जहां पहले हर साल वज्रपात से दर्जनों जानें जाती थीं, अब यह संख्या काफी कम हो गई है. विशेषज्ञ मानते हैं कि उत्तर प्रदेश का यह मॉडल अब पूरे देश के लिए आदर्श बन सकता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कई बार अपने संबोधनों में कहा है कि “हर जीवन कीमती है, और राज्य सरकार का दायित्व है कि हर आपदा में जानमाल की रक्षा के लिए पूरी ताकत झोंकी जाए.” वज्रपात जैसे प्राकृतिक हादसों पर यूपी की यह सफलता इसी सोच का प्रमाण है.