नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केट में आम लोगों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच बैंक एफडी आज भी सबसे सुरक्षित निवेश बना हुआ है। बैंक एफडी में निवेशकों को फिक्स और गारंटीड रिटर्न मिलता है। यही वजह है कि आज भी देश का एक बड़ा वर्ग बैंक एफडी में निवेश करना सबसे अच्छा और सुरक्षित मानता है। आमतौर पर नौकरीपेशा लोग अपने नाम से एफडी कराते हैं। लेकिन अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराएं तो आप न सिर्फ मोटा रिटर्न पाएंगे बल्कि काफी पैसे भी बचा सकते हैं।
40,000 रुपये से ज्यादा ब्याज पर कटता है टीडीएस
एफडी के नियमों के अनुसार एक वित्त वर्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 40,000 रुपये से ज्यादा का ब्याज प्राप्त करने पर 10 प्रतिशत के टीडीएस का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी ओर, अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो आप ये टीडीएस बचा सकते हैं। आमतौर पर सामान्य परिवारों में महिलाएं या तो लोअर टैक्स ब्रैकेट में होती हैं या फिर हाउस वाइफ होती हैं। अगर आपकी पत्नी हाउसवाइफ हैं तो समझिए आपको टीडीएस पर किसी भी तरह का कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
2.5 लाख रुपये से कम टैक्सेबल इनकम पर टीडीएस से छूट
दरअसल, जिन लोगों की कुल टैक्सेबल इनकम 2.5 लाख रुपये से कम है, उन्हें अपनी एफडी पर टीडीएस से पूरी तरह छूट दी गई है। इसके साथ ही आपको ये भी समझना होगा कि बैंक एफडी से जो ब्याज मिलता है, उसे आपकी इनकम में गिना जाता है। मान लीजिए आपकी कुल सालाना इनकम 9 लाख रुपये है और आपको एफडी के ब्याज के रूप में 1.20 लाख रुपये मिले हैं तो आपकी कुल सालाना आय 10.20 लाख रुपये मानी जाएगी और आपको 10.20 लाख रुपये के हिसाब से ही टैक्स का भुगतान करना होगा।
जॉइंट एफडी अकाउंट पर भी मिलेगा फायदा
लेकिन अगर आप अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं तो आप एफडी के ब्याज की वजह से एडिशनल टैक्स के भुगतान से बच सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप जॉइंट एफडी कराते हैं और अपनी पत्नी को फर्स्ट होल्डर बनाते हैं तो ऐसी स्थिति में भी आप काफी बचत कर सकते हैं।