श्वेता सहरावत, वो नाम जो रातोंरात पूरी दुनिया में छा गया. साउथ अफ्रीका में क्रिकेट इतिहास का पहला अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप खेला जा रहा है और भारत ने मेजबान को 7 विकेट से पीटकर टूर्नामेंट में अपने अभियान का आगाज किया. भारत की जीत की स्टार रहीं श्वेता, जिन्होंने 57 गेंदों पर नाबाद 92 रन ठोके. उन्होंने अपनी तूफानी पारी में ताबड़तोड़ 20 चौके लगाए. उनकी इस तूफानी पारी के आगे पूरी दुनिया ही झुक गई. वर्ल्ड कप में तहलका मचाने से पहले उनका पिछले 7 महीने का सफर कमाल का रहा. अगर वीवीएम लक्ष्मण श्वेता को नहीं मना पाते तो दुनिया आज इस नाम को जान ही नहीं पाती.
बात पिछले साल मई की है. नेशनल क्रिकेट एकेडमी के चीफ वीवीएस लक्ष्मण को एक लेटर मिला और फिर लक्ष्मण खुद को रोक नहीं पाए. ये लेटर था श्वेता सहरावत को, जिन्होंने लक्ष्मण को लेटर लिखा कि वो महिला अंडर 19 कैंप में हिस्सा नहीं ले पाएंगी, क्योंकि 15 मई से 9 जून तक उनके 12वीं के बोर्ड एग्जाम चलेंगे, मगर लक्ष्मण ने उनकी बात नहीं मानी, क्योंकि उन्होंने श्वेता की बल्लेबाजी के बारे में सुना था. लक्ष्मण ने युवा बल्लेबाज को जवाब दिया कि वो कम से कम कुछ दिन के लिए कैंप आ जाएं.
श्वेता ने लगाए एक के बाद एक शतक
लक्ष्मण की बात मानकर श्वेता 3 जून को कैंप से जुड़ी और 2 मैच खेले. आखिरी मैच में उन्होंने एनसीए जोनल टीम के लिए शतक जड़ा और विकेट भी लिए. 6 मैचों में उन्होंने 2 और शतक जड़े. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार श्वेता ने पिता संजय सहरावत ने कहा कि वीवीएस लक्ष्मण ने हमें श्वेता को 2- 3 दिन के लिए भेजने के लिए मनाया.
लगाए कमाल के शॉट्स
मुकाबले की बात करें तो साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 166 रन बनाए. जिसके जवाब में भारत ने 16.3 ओवर में ही 3 विकेट के नुकसान पर 167 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया. श्वेता ने भारतीय कप्तान शेफाली वर्मा के साथ मिलकर 77 रन की लाजवाब साझेदारी की. शेफाली ने 16 गेंदों पर 45 रन ठोके. उन्होंने अपनी पारी में 9 चौके और एक छक्का लगाया. शेफाली के आउट होने के बाद श्वेता ने जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने कमाल के कट, पुल शॉट लगाए.
18 साल की श्वेता के पिता ने बताया कि वो अपनी बड़ी बेटी स्वाति को क्रिकेट क्लब लेकर जाते थे और श्वेता सिर्फ उनके साथ जाती थी. वो काफी छोटी थीं, इसीलिए उस समय ज्यादा ध्यान नहीं दिया. कुछ महीने बाद उन्होंने अपनी बड़ी बेटी को वसंत कुंज की एक एकेडमी में डाल दिया, जो लड़कों की एकेडमी थी और कोच ने उनमें से किसी एक को श्वेता को बॉल डालने के लिए कहा. संजय सहरावत ने कहा कि मुझे आज भी श्वेता का पहला शॉट याद है. 7 साल की श्वेता अंडर 14 लड़कों के खिलाफ बेखौफ होकर खेली. मैं भी ये देखकर हैरान था. अगले ही दिन मैंने क्रिकेट किट लाकर दिया और उसका सफर शुरू हुआ.