नई दिल्ली: NEET UG ही नहीं, साल 2019 से अब तक पूरे भारत में 19 राज्यों में कम से कम 65 बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. ये वो मामले हैं जिनमें या तो एफआईआर दर्ज हुई है, लोगों को गिरफ्तार किया गया है या फिर एग्जाम रद्द कर दिए गए. इंडिया टुडे ओपन सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) की टीम द्वारा डेटा एनालाइज करने पर यह खुलासा सामने आया है.
NEET ही नहीं! ये भी हुए पेपर लीक
NEET UG के अलावा भी पूरे देश में होने वाली चार बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. इनमें 2021 में भारतीय सेना की भर्ती के लिए होने वाली कॉमन एंट्रेंस एग्जाम, 2023 की सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET), 2021 की नीट और 2021 की जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) Mains शामिल हैं.
किस राज्य में कितने पेपर लीक?
सबसे ज्यादा पेपर लीक उत्तर प्रदेश में हुए, वहां 8 मामले सामने आए. इसके बाद राजस्थान और महाराष्ट्र में 7-7 पेपर लीक हुए. बिहार में 6, गुजरात और मध्य प्रदेश में 4-4 पेपर लीक हुए. हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 1 जनवरी 2019 से 25 जून 2024 के बीच तीन-तीन पेपर लीक हुए. दिल्ली, मणिपुर और तेलंगाना में दो-दो बार पेपर लीक हुए. वहीं हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, झारखंड और नागालैंड में एक-एक बार पेपर लीक हुआ.
सरकारी नौकरियों के लिए धांधली का अड्डा
जिन पेपर लीक के बारे में पता चला है उनमें से 45 एग्जाम सरकारी विभागों में अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए थे. इनमें से कम से कम 27 एग्जाम या तो रद्द कर दिए गए या टाल दिए गए. कुल मिलाकर 17 पेपर लीक गैर-सरकारी भर्ती या फिर राज्य बोर्ड और यूनिवर्सिटियों के एग्जाम से जुड़े थे. अंदाजा लगाइए सिर्फ पेपर लीक की वजह से कितनी सरकारी नौकरियां रद्द हुई होंगी! इस दौरान तीन लाख से ज्यादा सरकारी पदों पर भर्ती के लिए होने वाले एग्जाम रद्द करने पड़े.
किस-किस भर्ती परीक्षा में हुआ पेपर लीक?
राजस्थान और उत्तर प्रदेश में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट, असम, राजस्थान, कर्नाटक और जम्मू एंड कश्मीर में पुलिस भर्ती परीक्षा, उत्तराखंड में फॉरेस्ट भर्ती परीक्षा और तेलंगाना, गुजरात और राजस्थान में जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा जैसी परीक्षाओं में पेपर लीक हुए.
‘पेपर लीक’ का फलता-फूलता कारोबार
इस साल NEET-UG परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्रों ने कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू किए, जिसके बाद पेपर लीक की समस्या ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा. इस परीक्षा में 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए. कई जांच से पता चला है कि पेपर लीक एक ऐसा गिरोह बन गया है जो देश के कई राज्यों में एक्टिव है. अपराधी उम्मीदवारों को एडवांस में प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपये लेते हैं