#stand_with_farmers
ज़मीन मांगेंगे आसमान मांगेंगे
हम अपने हक़ का हिसाब मांगेंगे
मांगने पर आए तो तुम दे ना सकोगे
गुमां ये है कि हम क्या खाक़ मांगेंगे
लड़ने चले हम तो हो गए दंगाई
हदों में रहे तो ख़ैरात मांगेंगे
मिट्टी और मुल्क से प्यार है हमें
किस मुंह से बाप बेटे से हिसाब मांगेंगे
सियासत हिला दे अकेले बाप में दम है
तुम्हें कसम है कह दो अब ना हमारी औलाद मांगेंगे
बोये ना होते बाजरे तो बंजर होती तुम्हारी मिट्टी
औऱ हमारी लहू की कीमत तुम्हारे साहूकार मांगेंगे
~गति उपाध्याय~