नई दिल्ली: जन सुराज के प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार ने एक बार फिर नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में अफसरों का जंगल राज चलता है। नीतीश कुमार समेत पांच लोग सरकार चला रहे हैं जो विधायकों की भी नहीं सुनते। इनमें से चार रिटायर अधिकारी हैं जो कहीं से जनता के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। लालू के जंगलराज में अपराधी हथियार से डराकर लूटते थे, नीतीश राज में अफसर कलम से वही काम करते हैं।
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 13 करोड़ बिहार के लोगों का भविष्य सिर्फ 5 लोग ही तय कर रहे हैं। वह 5 लोग है, पहले नीतीश कुमार खुद और उनके द्वारा चुने गए 4 सेवानिवृत्त अफसर जिनकी ना तो कोई संवैधानिक और ना ही जनता के प्रति किसी तरह की कोई जवाबदेही है। नीतीश कुमार ने सत्ता का इस तरह का केंद्रीकरण किया है कि जनता की तो छोड़िए नीतीश राज में अफसर विधायक और सांसद की भी नहीं सुनते।
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि लालू यादव के राज में बिहार ने अपराधियों का जंगल राज देखा है। ये अपराधी लोगों को लूटते थे, डरते नहीं थे और किसी का उनपर कंट्रोल नहीं था। लेकिन आज का जो दौर है उसमें अफसरों का जंगल राज है। लालू राज में अपराधी गन लगाकर लूटते थे। आज अफसर कलम लगाकर लूट रहे हैं। लालू यादव के शासन काल में रात में अपराध होता था, आज दिन में ही लूट हो रही है जिसे अफसर अंजाम दे रहे हैं। भरी दोपहरी में घूस ले रहे हैं और यह भी कहते हैं कि जिसे बताना हो उसे बता दो।
पीके ने कहा है कि नीतीश के राज में चुने हुए प्रतिनिधियों का अधिकार वापस ले लिया गया और कुछेक लोगों के हाथ में पूरा पावर आ गया है। चार सेवा निवृत अफसर को सलाहकार बनाकर नीतीश कुमार ने बैठा लिया है। जनता के प्रति इनकी कोई अकाउन्टेबिलीटी नहीं है क्योंकि इनपर कोई सर्विस कंडीशन लागू नहीं होता। जो इनका मन होता है करते हैं क्योंकि किसी का कंट्रोल इनके ऊपर नहीं है। न ये जनता के द्वारा चुने गए हैं और ना कोई परीक्षा पास करके आए हैं। इसलिए मनमौजी हो गए हैं।