नई दिल्ली : मनरेगा में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मजदूरों की हाजिरी के तंत्र में व्यापक बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से मंजूर ‘चेहरे के जरिए हाजिरी’ लगाने की व्यवस्था जल्द ही शुरू होने वाली है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत होने वाले कार्य में पंचायत स्तर पर कई प्रकार की धांधलियां सामने आ रही थीं। जैसे बिना कार्य किए हाजिरी लगाकर पंचायत के लोगों के साथ मिलीभगत से भुगतान प्राप्त करना, पुराने कार्यों को नए कार्य दिखाना, मजदूरों के पुराने फोटो एप पर अपलोड करना आदि।
प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है
इस सभी धांधलियों पर रोक लगाने और मनरेगा को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से मंत्रालय ने मजदूरों की हाजिरी के तंत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने का विचार किया। इसके तहत जल्द ही मजदूरों की हाजिरी उनके चेहरे के माध्यम से मोबाइल एप से लगेगी।
सूत्रों ने बताया कि इसके लिए देश के कई हिस्सों में चलाए गए ‘पायलट प्रोजेक्ट’ सफल रहे हैं। इतना ही नहीं, स्थानीय स्तर पर मोबाइल एप का उपयोग करने वाले स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण भी पूरा हो गया है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी तैयार कर रहा है और ये अंतिम चरण में हैं।
जैसे ही एसओपी तैयार होगी, उसे राज्यों के साथ साझा किया जाएगा और इसके बाद देश भर में ‘चेहरे के जरिए हाजिरी’ लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के मलकपुरा गांव के प्रधान अमित ने कहा कि यह स्वागत योग्य कदम है लेकिन तकनीक पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहा जा सकता है।
इस तकनीक के साथ मानवीय हस्तक्षेप और शक्तियों का विकेंद्रीकरण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत की शक्तियों की पुन: बहाली भी आवश्यक है। मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत को मजबूत करना था लेकिन ग्राम रोजगार सेवक व अन्य कर्मी इस कार्य में बाधा बने हुए हैं।