बलियाः बलिया जिले के सागरपाली गांव में कच्चे तेल का विशाल भंडार मिल सकता है। तेल मिलने की संभावनाओं के मद्देनजर ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने एक परिवार की 12 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया है। ONGC दिल्ली की कंपनी सर्वें और खुदाई का काम शुरू दी है। अप्रैल तक खुदाई और बोरिंग का काम पूरा होने की उम्मीद है।
गंगा बेसिन में मिला तेल का भंडार
जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडे के परिवार की जमीन पर कच्चे तेल का एक भंडार मिला है। यह खोज गंगा बेसिन में तीन महीने के सर्वेक्षण के बाद हुई, जिसमें 3,000 मीटर की गहराई पर तेल भंडार का पता चला। ONGC ने चित्तू पांडे के परिवार से तीन साल के लिए साढ़े छह एकड़ जमीन लीज पर ली है, जिसके लिए सालाना 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
चार जगहों पर खोदा जाएगा तेल का कुआं
पुख्ता रिपोर्ट मिलने के बाद ओएनजीसी ने करीब साढ़े एकड़ जमीन पट्टे पर लेकर खुदाई का काम शुरू कर दिया है। ओएनजीसी के अधिकारियों ने अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए परीक्षण शुरू किया। इसके लिए जगह जगह पर विस्फोट किए गए। इस दौरान चार स्थान ऐसे चिन्हित किए गए, जहां कुआं खोदकर कच्चा तेल निकाला जा सकता है। इसमें एक स्थान बलिया का सागरपाली के पास वैना रत्तू चक है।
खुदाई में रोजाना हो रहा 25000 लीटर पानी का इस्तेमाल
यह स्थान नेशनल हाईवे और सागरपाली गांव के बीच है। ओएनजीसी ने खुदाई शुरू करने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन से एनओसी हासिल कर लिया है। यहां तेल का भंडार तो है, लेकिन बहुत गहराई में है। इसके लिए 3,001 मीटर गहरी बोरिंग कराई जा रही है। इस खुदाई के लिए रोजाना 25000 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक खुदाई का काम बहुत तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि अप्रैल महीने के आखिर तक तेल की सतह तक बोरिंग का काम पूरा हो जाएगा। यहां से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद गंगा बेसिन में चिन्हित अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के कुएं खोदे जाएंगे।
बताया जा रहा है कि जमीन के अन्दर ज्वलनशील और तरल पदार्थ निकल रहे हैं। जब इस मामले में कम्पनी के अधिकारियों से बात करनी चाही तो वे कतरा रहे थे। उनका कहना था कि इस मामले हम लोग नहीं बोल सकते ।हमारे दिल्ली में बैठे अधिकारी ही बोल सकते हैं।
भूस्वामी को तीन साल में मिलेंगे 30 लाख रुपये
भूस्वामी और चित्तू पांडे के वंशज नील पांडे ने ONGC द्वारा तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए देने की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया, जिसमें एक वर्ष का विस्तार भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यदि तेल मिल जाता है तो ONGC ऊँची कीमतों पर आस-पास की भूमि का अधिग्रहण करेगी, जिससे किसानों को बहुत लाभ होगा।