कीव: यूक्रेन और ब्रिटेन के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि पूर्वी यूक्रेन पर कब्जा करने की कोशिश में रूस की सेना बेहद ही घातक हथियारों का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, लड़ाई के काफी भीषण होने की वजह से दोनों पक्षों के पास हथियार वगैरह भी तेजी से घटते जा रहे हैं। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस के सैनिक यूक्रेन में 1960 के दशक की जहाज-रोधी भारी मिसाइलें दाग रहे हैं। KH-22 मिसाइल को मुख्य रूप से परमाणु हथियार का इस्तेमाल करके विमान वाहक जहाज को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया था।
ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने कहा कि जब ट्रेडिशनल हथियारों के साथ जमीनी हमलों में ऐसी मिसाइल का इस्तेमाल किया जाता है, तो हताहतों की संख्या बढ़ती है और काफी नुकसान होता है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूस शायद 6.1 टन भार वाली जहाज रोधी मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि उसके पास अधिक सटीक आधुनिक मिसाइल की कमी है। हालांकि मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि रूस ने यूक्रेन में किन-किन जगहों पर इन हथियारों का इस्तेमाल किया। कई रिपोर्ट्स से पता चला है कि रूस की कार्रवाई में यूक्रेन के कई शहरों को भारी नुकसान पहुंचा है।
‘यूक्रेन हथियारों के लिए पश्चिमी देशों पर निर्भर’
यूक्रेन के सैन्य खुफिया विभाग के उप प्रमुख वादिम स्किबित्सकी ने बताया कि यूक्रेन एक दिन में तोप के 5,000 से 6,000 गोलों का इस्तेमाल कर रहा है और अब वह पश्चिमी देशों से मिलने वाले हथियारों पर निर्भर है। लुहांस्क के गवर्नर सेरही हैदई ने रूस पर यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र के वरुबिवका गांव में आग लगाने वाले हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले लगभग 4 महीनों से जंग जारी है और दोनों में से कोई भी पक्ष फिलहाल पीछे हटने को तैयार नहीं है।